जब तक गाँव का हर किसान परिवार खुद अपने फसल का प्रसंस्करण नहीं करेगा तब तक फसल से सही कमाई नहीं कर पाएगा ।
हर किसान परिवार के घर में एक कुटीर उद्योग लग जाने से न सिर्फ स्वरोजगार बढ़ता है बल्कि फसल से अधिकतम कमाई की जा सकती है।
इस काम में हम किसान परिवार की पूरी मदद करेंगे ।
किस तरह की और कैसी इकाई लगाएँ और उससे प्रतिवर्ष कितनी आमदनी होगी?
इसके लिए आपके क्षेत्र में मौजूद हमारा प्रतिनिधि आपको कंपनी की तरफ से पूरी मदद करेगा।
हमारी सेवाएं सिर्फ पंजीकृत किसान परिवारों को ही मिलेंगी ।
पंजीकरण का काम हमारे प्रतिनिधि आपके घर जा करेंगे ।
पंजीकृत किसान परिवार को फायदा:
आपके उत्पाद को समूचे विश्व में पहुंचाएंगे
1. आपके फसल के आधार पर किस तरह की खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगानी चाहिए , ये बताएंगे विकल्प के साथ।
2. आपके पसंद के खाद्य प्रसंस्करण यूनिट का प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर देंगे ताकि आपको पता चल सके की कितना और कैसे फायदा पहुंचाएगी आपकी इकाई ।
3. इकाई के लिए आवश्यक लोन का आवेदन घर बैठे यानि हमारी पूरी मदद आपको लोन दिलवाने में और वह भी बिना भागदौड़ के।
4. लोन विभिन्न सरकारी योजनाओं के अलावा, हमसे जुड़ी निजी कंपनी के द्वारा भी, बिना किसी गारंटी और गारंटर के।
5. लोन करवाने के लिए आपको कोई अतिरिक्त कमीशन न तो हमें और न ही हमारे अधिकृत प्रतिनिधि को देना है।
6. चूंकि आपको हमारी सहायता से बिना किसी गारंटी के लोन मिलेगा , इसलिए हमारा प्रतिनिधि यह ते करेगा की किस किसान परिवार को वह पहले पंजीकृत करेगा।
7. लोन का इस्तेमाल सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए ही हो, यह जिम्मेदारी हमारे प्रतिनिधि की होगी।
8. लोन का नियमित भुगतान किसान करे, इसकी भी जिम्मेदारी हमारे प्रतिनिधि की होगी क्योंकि किसको पंजीकृत कर लोन आवेदन भरवाना है ये हमारे प्रतिनिधि पर निर्भर होगा।
9. सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाई चलाने की ट्रेनिंग घर बैठे , आपकी भाषा के विडिओ से।
10. आपके उत्पाद की पैकिजींग हमारे प्रतिनिधि के केंद्र पर होगी।
11. आपके उत्पाद की मार्केटिंग और बिक्री हमारे e कॉम पोर्टल ruralmalls के जरिए।
12. आपके उत्पाद को खरीददार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी हमारी।
13. प्रत्येक पंजीकृत सदस्य 20 से 30 हजार तक के लोन आवेदन भरने की पात्रता हासिल कर लेगा।
14. पंजीकरण शुल्क – प्रति सदस्य मात्र 1000 रुपये
15. इसी पंजीकरण के कारण आपका अपना दुकान हमारे e कॉम पोर्टल पर खुल जाएगा , साथ में आपके लिए एक मोबाईल एप भी मिलेगा ।
यानि पंजीकरण एक फायदे अनेक –
अपनी दुकान हमारे e कॉम पोर्टल के साथ , सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए सलाह , प्रोजेक्ट रिपोर्ट ( लोन के लिएआवस्यक) , एवं घर बैठे लोन का आवेदन , मार्केटिंग , प्रचार और बिक्री में खर्च हम करेंगे जिसके एवज में बिक्री हुए माल से मात्र 7.5% कमिशन।
हम अपनी योजना को कैसे लागू करने जा रहे हैं?
- हम प्रत्येक ग्रामीण घर में एक एसएचजी बनाने जा रहे हैं (पंचायतों में कोई शहरी या अर्ध शहरी, नहीं बल्कि पूर्ण ग्रामीण )।
- प्रत्येक एसएचजी न्यूनतम 5 या अधिकतम 10 लोगों का होगा।
- प्रत्येक एसएचजी को 60 हजार से 1 लाख तक का ऋण (नाबार्ड या अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता, सरकार द्वारा पहले से ही धन आवंटित किया जाता है, संलग्न कतरन देखें) दिया जाएगा।
- SHG केवल परिवार द्वारा अपने वर्तमान कृषि उत्पाद के आधार पर इकाइयाँ लगाएगा। यानी उनका कच्चा माल बाजार से नहीं खरीदा जाना चाहिए, उनका अपना होना चाहिए।
- प्रत्येक एसएचजी सदस्य को यह वचन देना होगा कि वे स्वयं शारीरिक श्रम करेंगे और बाहर से कोई श्रमिक नहीं लेंगे। यह प्रत्येक एसएचजी को बिना किसी रुकावट के चलने में सक्षम बनाएगा विपत्ति के मामले में भी।
- नाबार्ड इन नवगठित एसएचजी को भी 6 महीने पुरानी होने की पात्रता मानदंड से छूट देकर वित्त पोषित करेगा। (इस संबंध में एक प्रस्ताव चर्चा के बाद वित्त मंत्रालय को भेजा गया)
- एसएचजी फंडिंग नाबार्ड (जिसके पास ऐसा करने के लिए फंड और सरकार के निर्देश हैं) द्वारा हमारे पार्टनर बैंक के माध्यम से किया जाएगा।
- हम निजी फाइनैन्स कंपनी से भी लोन देने के लिए करार कर चुके हैं। जिससे हमारे पंजीकृत उपभोक्ता /विक्रेता को तुरंत और बिना किसी भाग दौड़ के घर बैठे अपने व्यापार के लिए लोन मिले।
हम अपने मॉडल को कैसे लागू या निष्पादित करेंगे:
1. हम के माध्यम से पूर्व चयनित स्थान पर अपने फ्रेंचाइजी की नियुक्ति कर रहे हैं चरणबद्ध तरीके से।
2. प्रत्येक फ्रैंचाइजी को उस स्थान पर नियुक्त किया जाता है जहां से यदि हम 6KM त्रिज्या का एक सर्कल बनाते हैं तो न्यूनतम 20000 ग्रामीण आबादी और न्यूनतम 3500 घर होंगे।
3. हमारी फ्रैंचाइजी एसएचजी के प्रत्येक व्यक्ति का खाता एसएचजी के खाते के साथ ही हमारे सहयोगी बैंक या किसान के वर्तमान बैंक खाते को हमारे ई-कॉमर्स पोर्टल और पेमेंट गेटवे से लिंक करेगी।
4. हमारी फ्रेंचाइजी तब प्रत्येक हाउसहोल्ड को उनकी कृषि उपज और लोगों की संख्या के आधार पर सुझाव देगी कि उन्हें किस तरह की यूनिट खोलनी चाहिए?
उदाहरण के लिए :
मान लीजिए कि घरेलू गेहूँ का उत्पादन 25 मीट्रिक टन / वर्ष है जिसे वे अपनी स्थानीय मंडी या FCI में INR @ 20000 प्रति मीट्रिक टन पर बेचते हैं और INR.500000 / वर्ष उत्पन्न करते हैं।
अब हम उन्हें या तो खोलने का सुझाव देते हैं a
- विभिन्न प्रकार के आटे या मैदा का उत्पादन करने के लिए मिनी आटा मिल।
- विभिन्न प्रकार के घर का बना जैविक आटा या मैदा बिस्किट बनाने के लिए मिनी बेकरी
- मिनी आटा नूडल/पास्ता इकाई
- दलिया या गेहूं के गुच्छे, पफ्स यूनिट।
और गेहूं के आटे, मैदा, दलिया आदि पर आधारित ऐसे खाद्य या प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ।
हम उन्हें विस्तृत जानकारी देंगे उनकी पसंद के आधार पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट। फंड/लोन ब्रेकअप इस तरह होगा (60 हजार प्रोजेक्ट के लिए)
- मशीनों के लिए 3o से 50 हजार
- कार्यशील पूंजी के रूप में कच्चे माल के लिए 50 से 70 हजार (50 हजार मूल्य के कच्चे माल के मुकाबले)।
- परियोजना रिपोर्ट, प्रशिक्षण और विपणन के लिए 6 हजार (हमारे ऑनलाइन ई कॉम पोर्टल www.ruralmalls.com के माध्यम से अपने उत्पाद को बेचने के लिए पंजीकरण सह प्रशासन शुल्क सहित एकमुश्त खर्च)
- विविध निधि या आपातकालीन निधि के तहत 4 हजार दिए जाएंगे।
अब इस कच्चे माल से हो रही कमाई: अगर वह गेहूं का आटा बेचता है तो 20 रुपये किलो के बजाय 32 से 35 रुपये किलो तक कमा सकता है।
अगर वह मैदा या दलिया बेचता है तो उसे 50 रुपये प्रति किलो तक बेच सकता है और दलिया 75 रुपये प्रति किलो से कम नहीं।
अगर वह मैदा सेवई या नूडल्स या आटा सेवई या नूडल्स बेचता है तो प्रति किलो कीमत 180 रुपये किलो से कम नहीं होगी।
इस प्रकार प्रत्येक घर माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट और हमारे 24X7 online बाजार की मदद से अपने उत्पाद को बेच अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं।